लेवरेज्ड टोकन्स के लिए रीबैलेंसिंग मैकेनिज्म एकतरफा बाजारों के लिए ज्यादा उपयुक्त है। यह तरीका उपयोगकर्ता को कंपाउंड इफेक्ट के माध्यम से ट्रेडिंग की आय को मल्टीप्लाई करने में सक्षम बनाता है। हालांकि, दो तरफा मार्केट में उतार-चढ़ाव के बीच उन्हें महत्वपूर्ण फंड का नुकसान भी हो सकता है। 

 

कंपाउंड इफेक्ट और फंड का नुकसान 

लेवरेज्ड टोकन अंतर्निहित एसेट के डेली बदलाव (वार्षिक पीएनएल के बजाय) को बढ़ाने के लिए रीबैलेंसिंग मैकेनिज्म का इस्तेमाल करते हैं। रीबैलेंसिंग वास्तव में एक ऐसा प्रोसेस है जहां ट्रेडर्स कम पर खरीदते और ज्यादा पर बेचते हैं। जब अंतर्निहित एसेट की प्राइज बढ़ती है, तो लेवरेज्ड टोकन्स की संबंधित पोजीशन्स का रियल लेवरेज लेवल टार्गेट लेवरेज से कम होगा। इस प्रकार, लेवरेज के स्तर को बढ़ाने के लिए फंड ऑपरेटर्स को हाई प्राइज पर कान्ट्रैक्ट्स को लॉन्ग करने की जरूरत होती है। जब प्राइज गिरती है तो रीबैलेंसिंग उल्टा काम करती है।

मैकेनिज्म के कारण, डेली रीबैलेंसिंग एक तरफा मार्केट पर कंपाउंड इफेक्ट उत्पन्न करेगा, जबकि अंतर्निहित एसेट प्राइज मार्केट में बड़े उतार-चढ़ाव के बीच अपने मूल स्तर पर वापस आ जाएगी। इसके परिणामस्वरूप लेवरेज्ड टोकन होल्डर्स के अकाउंट की नेट वैल्यू में गिरावट आएगी जिससे फंड का नुकसान होगा।  

AscendEX के BTC3L को एक उदाहरण के रूप में लें यह समझाने के लिए कि कंपाउंड इफेक्ट और फंड का नुकसान कैसे होता है। 

 

1.     एकतरफा मार्केट में कंपाउंड इफेक्ट

1)     मार्केट एक दिशा में बढ़ता है 

टाइम

पहला दिन

दूसरे दिन

तीसरा दिन

मार्केट

100

110

120

BTC स्पॉट

+20%

परपेचुअल-BTC 3x

+60%

BTC3L

+65.451%

BTC3L:

दूसरे दिन BTC की कीमत 10% बढ़कर 100 USDT से 110 USDT हो गई। इस बिंदु पर, BTC3L की नेट वैल्यू 100* (1+10%*3) = 130 USDT है।

तीसरा दिन BTC की कीमत 9.09% बढ़कर 110 USDT से 120 USDT हो गई। इस बिंदु पर, BTC3L की नेट वैल्यू 130*(1+9.09%*3)=165.451 USDT है।

दो दिन की मार्केट रैली में, BTC3L का कुल लाभ (165.451-100)/100*100%=65.451%>60% है। 

जैसे कि, जब मार्केट ऊपर जाता है, तो लेवरेज्ड टोकन्स ज्यादा लाभ वाले समान लेवरेज के परपेचुअल कॉन्ट्रैक्टस की तुलना में ज्यादा रिटर्न्स जनरेट करते हैं। 

 

2.     मार्केट एक दिशा में नीचे जाता है 

टाइम

पहला दिन

दूसरे दिन

तीसरा दिन

मार्केट

100

90

80

BTC स्पॉट

-20%

परपेचुअल-BTC 3x

-60%

BTC3L

-53.331%

BTC3L:

दूसरे दिन BTC की कीमत 10% गिरकर 100 USDT से 90 USDT हो गई। इस बिंदु पर, BTC3L की नेट वैल्यू 100* (1-10%*3) = 70 USDT है।

BTC की प्राइज तीसरा दिन 11.11% गिरकर 90 USDT से 80 USDT हो गई। इस बिंदु पर, BTC3L की नेट वैल्यू 70* (1-11.11%*3) = 46.669 USDT है।

दो दिन की मार्केट की गिरावट में, BTC3L का कुल नुकसान (100-46.669)/100*100%=53.331%<60% है।

जैसे कि, जब मार्केट में गिरावट आती है, तो लेवरेज्ड टोकन्स ज्यादा लाभ वाले समान लेवरेज के परपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट् की तुलना में छोटे नुकसान पोस्ट करते हैं। 

कृपया ध्यान देंकेल्कूलेशन और समझ की सुविधा के लिए, उपरोक्त मामलों में लेनदेन की फीस और वास्तविक लेनदेन में होने वाले फंडिंग रेट्स जैसी ट्रेडिंग की लागतों का कोई हिसाब नहीं है। 

 

2.     मार्केट की दो तरफा उथल-पुथल के बीच फंड का नुकसान

1)     रैली के तुरंत बाद मार्केट में गिरावट 

टाइम

पहला दिन

दूसरे दिन

तीसरा दिन

मार्केट

100

110

100

BTC स्पॉट

0%

परपेचुअल-BTC 3x

0%

BTC3L

-5.451%

BTC3L:

दूसरे दिन BTC की कीमत 10% बढ़कर 100 USDT से 110 USDT हो गई। इस बिंदु पर, BTC3L की नेट वैल्यू 100* (1+10%*3) = 130 USDT है।

BTC की दूसरे दिन दिन 9.09% गिरकर 110 USDT से 100 USDT हो गई। इस बिंदु पर, BTC3L की नेट वैल्यू 130* (1-9.09%*3) = 94.549 USDT है।

दो दिन की मार्केट की उथल-पुथल में, BTC3L का कुल बदलाव (94.549-100)/100*100%=-5.451%.है।

 

2)     गिरावट के तुरंत बाद मार्केट में तेजी 

टाइम

पहला दिन

दूसरे दिन

तीसरा दिन

मार्केट

100

90

100

BTC स्पॉट

0%

परपेचुअल-BTC 3x

0%

BTC3L

-6.667%

BTC3L:

BTC की प्राइज दूसरे दिन 10% गिरकर 100USDT से 90USDT हो गई। इस बिंदु पर, BTC3L की नेट वैल्यू 100* (1-10%*3) = 70 USDT है।

तीसरा दिन BTC की कीमत 11.11% बढ़कर 90 USDT से 100 USDT हो गई। इस बिंदु पर, BTC3L की नेट वैल्यू 70* (1+11.11%*3) = 93.333 USDT है।

दो दिन की मार्केट की उथल-पुथल में, BTC3L का कुल बदलाव (93.333-100)/100*100%=-6.667%.है।

 

हालांकि मार्केट की दोतरफा उथल-पुछल के बीच BTC की प्राइज अपने मूल स्तर पर लौट आई, लेकिन लेवरेज्ड टोकन्स की नेट वैल्यू को नुकसान हुआ है। इसलिए, लेवरेज्ड टोकन्स को सिर्फ एक शॉर्ट-टर्म हेज टूल के रूप में ही है, और एक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट के रूप में लिया जाना नहीं चाहिए। 

 

जोखिम प्रकटीकरण: एक उभरते हुए फाइनेंशियल डेरिवेटिव के रूप में, सैद्धांतिक रूप से, लेवरेज्ड टोकन के लिए लिक्विडेशन का कोई जोखिम नहीं है। हालांकि, ट्रेंड के गलत पूर्वानुमानों के साथ, एक जोखिम यह होगा कि लेवरेज्ड टोकन की नेट एसेट वैल्यू मार्केट की एक्सट्रीम कंडीशन्स के बीच 0 के करीब पहुंच जाएगी। कृपया लेवरेज्ड टोकन ट्रेडिंग में शामिल होने से पहले नियमों को पूरी तरह से समझ लें और संभावित जोखिमों को कम करने के लिए सतर्क रहें।